Tue. Apr 29th, 2025

14 छत्तीसगढ़ SAS अधिकारियों को IAS में पदोन्नति, 3 अफसर हुए बाहर….

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) के 14 अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नति दी गई है। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (DPC) की बैठक में इन अधिकारियों की पदोन्नति को मंजूरी मिली। इस बैच में अधिकांश 2008 बैच के अधिकारी हैं, जिनमें से 10 अधिकारी IAS के लिए पदोन्नत हुए हैं।

हालांकि, इस बार 2008 बैच के तीन अधिकारियों—सौम्या चौरसिया, आरती वासनिक, और तीर्थराज अग्रवाल—को पदोन्नति से बाहर रखा गया है।

पदोन्नति पाने वाले प्रमुख अधिकारी
इस बार पदोन्नति पाने वाले अधिकारियों में 2008 बैच के 10, 2010 बैच के 2, और 2000 व 2002 बैच के 2 अधिकारी शामिल हैं। प्रमुख पदोन्नत अधिकारियों में शामिल हैं:

  • संतोष देवांगन (2000 बैच)
  • हीना नेताम (2002 बैच)
  • आश्वनी देवांगन
  • रेणुका श्रीवास्तव
  • आशुतोष पांडेय
  • रीता यादव
  • लोकेश चंद्राकर
  • प्रकाश सर्वे
  • गजेंद्र ठाकुर
  • लीना कोसम
  • तनुजा सलाम
  • अजय अग्रवाल
  • सौमिल चौबे
  • वीरेंद्र बहादुर पंच भाई

क्यों बाहर हुए तीन अधिकारी?
इस बार पदोन्नति से बाहर रहे तीन अधिकारी इस प्रकार हैं:

  1. सौम्या चौरसिया: कोयला घोटाले में उनकी भूमिका के कारण उन पर कई जांच चल रही हैं, जिसके कारण उन्हें पदोन्नति से वंचित किया गया।
  2. आरती वासनिक: पीएससी भर्ती फर्जीवाड़े में उनका नाम आने के कारण सीबीआई द्वारा उनकी जांच की जा रही है, इस वजह से उन्हें पदोन्नति नहीं मिली।
  3. तीर्थराज अग्रवाल: रायगढ़ में हुए भूमि मुआवजा घोटाले में उनकी संलिप्तता की जांच के चलते उन्हें पदोन्नति से बाहर रखा गया।

विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर 2008 बैच के सभी अधिकारियों को पदोन्नति मिलती, तो 2010 बैच के अधिकारियों को मौका नहीं मिलता। सरकार ने यह कदम पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत उठाया है। यह कदम यह संदेश देता है कि प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता और नैतिकता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

निष्कर्ष
14 SAS अधिकारियों की IAS में पदोन्नति छत्तीसगढ़ प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन तीन अधिकारियों का पदोन्नति से बाहर होना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। यह कदम राज्य के प्रशासनिक तंत्र में सुधार और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *