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“आठवीं फेल युवक ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों से की ठगी”…..!

आसनसोल से गिरफ्तार हुआ रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह का सरगना कपिल बरनवाल, जमताड़ा वेब सीरीज जैसा था उसका ठगी का तरीका

पेंड्रा:- पुलिस ने एक बड़े ठगी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उसके सरगना कपिल बरनवाल को आसनसोल से गिरफ्तार किया। इस गिरोह का तरीका ठीक वैसा ही था, जैसा हाल ही में चर्चित जमताड़ा वेब सीरीज में दिखाया गया था। कपिल बरनवाल, जो कि आठवीं कक्षा तक ही पढ़ा था, क्षेत्र के युवकों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था। ठगी के इस खेल में वह युवकों को ट्रेनिंग के नाम पर धोखा देता था और फिर उन्हें रेलवे स्टेशन पर ले जाकर ट्रेन के डिब्बे गिनवाता था, ताकि वह विश्वास दिला सके कि यह सब रेलवे की ट्रेनिंग प्रक्रिया का हिस्सा है।

ठगी का तरीका: ट्रेनिंग के नाम पर फर्जी प्लान
मरवाही थाना क्षेत्र के कुम्हारी निवासी पुनीत प्रधान ने पुलिस को बताया कि उसने रेलवे में नौकरी लगवाने के लिए कपिल बरनवाल को बारह लाख रुपए दिए थे। यह राशि उसने अलग-अलग किश्तों में दी थी, जबकि कपिल ने उसे और अन्य युवकों को आसनसोल भेजकर एक कथित नौ महीने की ट्रेनिंग पूरी करवाई थी। ट्रेनिंग के दौरान, कपिल और उसके गिरोह के अन्य सदस्य युवकों से पैसे लेकर उन्हें एक फर्जी ट्रेनिंग प्रोसेस से गुजरवाते थे। इस दौरान, उन्होंने कभी भी किसी ट्रेनिंग या रोजगार से संबंधित कोई वास्तविक प्रक्रिया पूरी नहीं की थी। जब पुनीत को यह ठगी का अहसास हुआ, तो वह हैरान रह गया। उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया और थाना मरवाही में प्राथमिकी दर्ज कराई।

गिरोह के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार
मरवाही पुलिस ने साइबर सेल की मदद से इस ठगी के गिरोह के अन्य सदस्यों को भी पकड़ने में सफलता हासिल की। पहले ही पुलिस ने तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें अमित मंडल, जो कथित तौर पर युवकों को ट्रेनिंग देता था, और विधान बैरागी एवं योगेश रजक, जो युवकों को झांसा देकर उन्हें आसनसोल भेजते थे, शामिल थे। हालांकि, गिरोह का मुख्य सरगना कपिल बरनवाल फरार था और वह लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था।

कपिल बरनवाल की गिरफ्तारी
जैसे ही पुलिस को खबर मिली कि कपिल बरनवाल आसनसोल में है, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। एसपी भावना गुप्ता के नेतृत्व में मरवाही पुलिस ने आसनसोल पुलिस के साथ मिलकर कपिल बरनवाल को गिरफ्तार किया। आसनसोल पुलिस के इंस्पेक्टर कौशिक कुंडू और उप निरीक्षक श्यामलाल गढ़वाल की मदद से मरवाही पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार किया। उल्लेखनीय है कि कपिल बरनवाल पहले भी आसनसोल में फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूमने के मामले में जमानत पर था।

जमानत पर था पहले भी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर घूमने का आरोपी
कपिल बरनवाल पर यह आरोप भी है कि वह आसनसोल में कभी खुद को एक फर्जी पुलिस अधिकारी बताकर लोगों से पैसे मांगता था। उसे पुलिस के मामले में उसकी जमानत पर रहकर भी कई गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल पाया गया था।

ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया आरोपी
गिरफ्तारी के बाद, मरवाही पुलिस ने कपिल बरनवाल की ट्रांजिट रिमांड प्राप्त की और उसे मरवाही वापस लाया। वहां उसे पुलिस रिमांड पर लिया गया, जहां डीएसपी साइबर दीपक मिश्रा, थाना प्रभारी रणछोड़ सिंह सेंगर और उप निरीक्षक श्यामलाल गढ़वाल की टीम ने उसकी कड़ी पूछताछ की। पूछताछ में कपिल ने खुलासा किया कि उसकी पत्नी पूजा हलदर, जो एक मेकअप आर्टिस्ट है, भी इस ठगी के मामले में शामिल थी। वह अपने संपर्कों के माध्यम से कपिल की मदद करती थी और उसे ठगी के नए-नए तरीके सुझाती थी। इसके अलावा, गिरोह के अन्य सदस्य कभी आरपीएफ अधिकारी, कभी स्वास्थ्यकर्मी, तो कभी अन्य सरकारी कर्मचारी बनकर ठगी करते थे।

आरोपी की सफाई: लक्जरी लाइफ जीने के लिए की ठगी
जब कपिल से पूछा गया कि उसने यह अपराध क्यों किया, तो उसने बताया कि वह आठवीं कक्षा तक ही पढ़ा है और वह सिर्फ लक्जरी लाइफ जीने के लिए यह सब करता था। उसकी मंशा सिर्फ पैसे कमाने की थी, और इसके लिए उसने बेरोजगार युवकों को धोखा देना शुरू किया। इस दौरान, उसने अपनी पत्नी और अन्य साथियों के साथ मिलकर कई लोगों से पैसे ठगे, जबकि न तो उसने रेलवे में कोई नौकरी दिलवाने का वादा पूरा किया, न ही उसने कभी कोई असली ट्रेनिंग दी।

आगे की कार्रवाई और गिरोह के अन्य सदस्यों पर कार्रवाई
कपिल बरनवाल से पूछताछ के दौरान पुलिस को और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं, जिनके आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है। पुलिस इस मामले में पूरी तरह से जांच कर रही है और जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्य भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई अन्य युवकों को भी ठगा है।

किसानों और युवाओं के लिए एक चेतावनी
यह मामला यह भी दर्शाता है कि किस तरह से ठग धोखाधड़ी के नए-नए तरीके अपनाकर बेरोजगार युवाओं और उनके परिवारों को अपना शिकार बनाते हैं। अब इस गिरोह का पर्दाफाश होने से युवकों को एक महत्वपूर्ण सबक मिलता है कि किसी भी नौकरी या प्रशिक्षण के लिए भुगतान करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच अवश्य करें।

कपिल बरनवाल और उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया कि अब पुलिस किसी भी अपराधी को नहीं बख्शेगी, चाहे वह कितना ही शातिर क्यों न हो।

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