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मध्याह्न भोजन के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी, सिंगरौली में फूड प्वाइजनिंग से कई छात्र बीमार…..!

सिंगरौली: मध्यान्ह भोजन के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी, फूड प्वाइजनिंग से 10 से अधिक छात्र अस्पताल में भर्ती

सिंगरौली जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पिपराछापी में मध्यान्ह भोजन के बाद फूड प्वाइजनिंग का गंभीर मामला सामने आया है। घटना में 10 से अधिक छात्र-छात्राएं बीमार पड़ गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है, जबकि जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।

मध्यान्ह भोजन के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ी

यह घटना तब हुई जब बच्चों ने दोपहर के भोजन में दाल, चावल और सब्जी खाई। भोजन करने के कुछ समय बाद ही बच्चों को पेट दर्द, उल्टी, और दस्त की शिकायतें होने लगीं। स्कूल प्रशासन ने बच्चों की स्थिति बिगड़ते देख तुरंत उन्हें पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

एक दर्जन से अधिक छात्र अस्पताल में भर्ती

जिला अस्पताल में भर्ती 12 से अधिक बच्चों की हालत पर चिकित्सकों की एक टीम लगातार नजर रख रही है। इनमें से कुछ बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। सबसे अधिक प्रभावित कक्षा 8 के छात्र-छात्राएं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को समय पर अस्पताल लाने से स्थिति और बिगड़ने से बचा लिया गया।

प्रशासन ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश

घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री अस्पताल पहुंचे। एसडीएम सृजन वर्मा और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बच्चों की स्थिति का जायजा लिया। जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फूड प्वाइजनिंग की वजह जानने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। प्राथमिक जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि भोजन की गुणवत्ता में कोई खामी थी या खाद्य सामग्री दूषित थी।

स्कूल और रसोईघर की होगी जांच

थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार ने बताया कि घटना के बाद स्कूल के रसोईघर और भोजन की सप्लाई चेन की जांच की जा रही है। भोजन बनाने और परोसने में किन नियमों का पालन किया गया, इसकी भी समीक्षा की जाएगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भविष्य में इस तरह की घटना न हो, प्रशासन ने भोजन के नमूने जांच के लिए भेजे हैं।

अभिभावकों में चिंता, बच्चों की देखभाल पर जोर

इस घटना के बाद अभिभावकों में गहरी चिंता देखी गई। अस्पताल में बच्चों के माता-पिता भारी संख्या में पहुंचे और प्रशासन से भोजन की गुणवत्ता सुधारने की मांग की। जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को सुरक्षित और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

मध्यान्ह भोजन योजना पर उठे सवाल

इस घटना ने मध्यान्ह भोजन योजना के संचालन और निगरानी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। योजना का उद्देश्य गरीब और वंचित बच्चों को पोषक भोजन उपलब्ध कराना है, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी से इस तरह की घटनाएं योजना की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचा रही हैं। प्रशासन ने ऐसे मामलों को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने का भरोसा दिया है।

निष्कर्ष

सिंगरौली के पिपराछापी गांव में फूड प्वाइजनिंग की यह घटना प्रशासन के लिए एक चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और भोजन की गुणवत्ता में सुधार लाना अत्यावश्यक है। जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि मध्यान्ह भोजन योजना के तहत बच्चों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

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