भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक हाई प्रोफाइल कपल को गिरफ्तार किया गया है, जो कई लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके थे। इंफोसिटी पुलिस ने इस शातिर जोड़े को पकड़ा है, जो कथित तौर पर बंटी-बबली की तरह अपने शिकारों को फंसा रहे थे। पुलिस ने सोमवार को एक महिला को गिरफ्तार किया, जिसने बिल्डरों, खदान मालिकों, एमएनसी अधिकारियों और व्यापारियों से बड़ी धोखाधड़ी की। महिला की पहचान 38 वर्षीय हंसिता अभिलिप्सा के रूप में हुई है, जो ओडिशा में वरिष्ठ अधिकारियों और राजनेताओं के साथ अपने संबंधों का झूठा दावा करके ठगी करती थी।
धोखाधड़ी की साजिश:
हंसिता ने अपने कथित पति और साथी, अनिल मोहंती के साथ मिलकर भुवनेश्वर के इन्फोसिटी-नंदनकानन रोड पर स्थित एक आलीशान ऑफिस से यह ठगी का खेल चलाया। यहां दोनों ने अपने टारगेट्स को यह झांसा दिया कि वे उच्च-स्तरीय कनेक्शनों के जरिए टेंडर्स को मंजूरी दिला सकते हैं और बड़े डील्स फाइनल करवा सकते हैं। दोनों की गिरफ्तारी एक खदान मालिक की शिकायत के बाद हुई, जिनसे इन दोनों ने धोखाधड़ी की थी।
फर्जी तस्वीरों और रिश्तों का खेल:
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि हंसिता डिजिटल माध्यम से तस्वीरों में हेरफेरी करती थी, जिनसे यह दर्शाया जाता था कि उसके महत्वपूर्ण नौकरशाहों और अधिकारियों, जैसे सीएजी और ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। यह फर्जी रिश्ते और एडिटेड तस्वीरें उसके शिकारों का विश्वास हासिल करने के लिए इस्तेमाल की जाती थीं।
कई क्षेत्रों में ठगी का शिकार:
अभिलिप्सा और मोहंती ने खनन, निर्माण और मल्टीनेशनल कंपनियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों के अमीरों को निशाना बनाया और झूठा दावा किया कि वे बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स को प्रभावित कर सकती हैं। हंसिता ने अपने विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए खुद को प्रमुख राजनेताओं, व्यवसायियों और नौकरशाहों की पत्नी बताकर ठगी की।
गिरफ्तारी और जांच:
कमिश्नरेट पुलिस ने दोनों आरोपियों को भुवनेश्वर के पाटिया इलाके से गिरफ्तार किया। उन्हें अदालत में पेश किया गया और धोखाधड़ी में शामिल अन्य सहयोगियों और पीड़ितों की पहचान करने के लिए जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों ने खुद को प्रधानमंत्री के निजी सचिव पी.के. मिश्रा के रिश्तेदार बताकर भी लोगों को ठगा।
अतिरिक्त डीसीपी का बयान:
मामले पर अतिरिक्त डीसीपी स्वराज देबता ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि हंसिता और अनिल ने कई लोगों को धोखा दिया था और खुद को पीएम के निजी सचिव के रिश्तेदार के रूप में पेश किया था। 26 दिसंबर को इन्फोसिटी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था और अब जांच की जा रही है।