प्रयागराज महाकुंभ: बुधवार को तड़के, मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे कुछ मौतों की आशंका जताई जा रही है और कई लोग घायल हुए हैं। इस दिन दूसरे शाही स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम पर एकत्र होने की उम्मीद थी।
रात करीब 2 बजे, जैसे ही अमृत स्नान के लिए श्रद्धालु जुटने लगे, स्थिति अनियंत्रित हो गई। घायल श्रद्धालुओं को तुरंत निकटवर्ती अस्थायी अस्पतालों में पहुंचाया गया। इस घटना के मद्देनजर अखाड़ा परिषद के प्रमुख ने अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क किया और स्थिति की समीक्षा की, साथ ही तत्काल मदद की आवश्यकता जताई। घटनास्थल पर मौजूद गवाहों के अनुसार, भगदड़ के दौरान कई परिवार बिछड़ गए।
आपातकालीन सेवाओं ने जल्दी से एम्बुलेंस भेजी और घायलों को सेक्टर 2 के अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट किया। यह हादसा संगम नोज के पोल नंबर 11 और 17 के बीच हुआ था। इस घटना के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फैसला लिया कि वे आज के अमृत स्नान में भाग नहीं लेंगे।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे स्नान के बाद स्थल को जल्द से जल्द खाली कर दें। हालांकि घायलों की सटीक संख्या अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है, साक्षियों के अनुसार लगभग 30 से 40 लोग घायल हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिन के लिए सख्त भीड़ नियंत्रण उपाय लागू किए थे, जिसमें वाहन-मुक्त क्षेत्र और क्षेत्रवार प्रतिबंध शामिल थे, ताकि श्रद्धालुओं की सुचारू और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा सके।
इस घटना ने महाकुंभ के धार्मिक उत्सव पर एक गहरा प्रभाव डाला, और बड़ी घटनाओं के प्रबंधन में सुरक्षा उपायों की अहमियत को और भी स्पष्ट किया।
अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के महंत हरि गिरि ने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे जहां भी हैं, वहीं गंगा में स्नान करके घर लौटें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज की सीमा के अंदर या बाहर गंगा स्नान करने से वही पुण्य मिलेगा।
महाकुंभ में भगदड़ पर प्रतिक्रिया देते हुए कुंभ मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी अकांक्षा राणा ने कहा, “संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई, जिसमें कुछ लोग घायल हुए हैं। फिलहाल, कोई भी गंभीर घायल नहीं है और उनका इलाज जारी है।”