जशपुर:- कोतबा धान मंडी से 235 बोरी अवैध धान जब्त, छापामारी में खुलासा
जशपुर जिले के बागबहार तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कोतबा मण्डी के एक गोदाम का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें 235 बोरी धान संदेहास्पद रूप से रखा गया पाया गया। इसके बाद गोदाम को सील कर पंचनामा बनाकर जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। मामले की आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा रही है।
यह कार्रवाई जिले में धान तस्करी के बढ़ते मामलों के बीच की गई है। पिछले दस दिनों में यह तीसरा बड़ा मामला सामने आया है। इससे पहले, कुनकुरी और दुलदुला ब्लॉक में भी प्रशासन ने 500 से अधिक बोरी धान जब्त किया था। दुलदुला में तो सरकारी सामुदायिक भवन में अवैध धान जमा किया गया था, जिसे प्रशासन ने छापेमारी कर बरामद किया था।
तहसीलदार कृष्णमूर्ति दीवान ने बताया कि जशपुर जिले के आदिमजाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित कोतबा में गोदाम की जांच के दौरान, कोतबा मण्डी के प्रभारी प्रबंधक उर्मिला पैंकरा और फड़ प्रभारी राजकुमार बंजारा से छापामारी की सूचना मिलने के बाद रात 11 बजे मण्डी पहुंचे। लंबे समय बाद, महिला प्रबंधक उर्मिला पैंकरा गोदाम की चाबी लेकर आईं। गोदाम खोलने पर पाया गया कि लगभग 235 बोरी धान मार्कफेड की शासकीय बोरी में छली लगी हुई थी और उसे प्लास्टिक और जुट में पैक किया गया था।
इस पर, प्रबंधक उर्मिला पैंकरा ने बयान दिया कि यह धान उठाव के बाद बचा हुआ था, जिसे सफाई के दौरान मजदूरों ने छोड़ दिया था और बाद में उसे गोदाम में रखवा दिया। इसी तरह, फड़ प्रभारी राजकुमार बंजारा ने भी बयान दिया कि यह धान झाड़ू मारकर इकट्ठा किया गया था। हालांकि, दोनों के बयान के बाद यह मामला संदेहास्पद प्रतीत होता है, क्योंकि मण्डी में उठाव के दौरान ही धान की मात्रा घटती हुई दिख रही थी, और अब यह धान शासकीय बोरी में पैक किया गया था, जिससे अनियमितता का संकेत मिल रहा है।
तहसीलदार दीवान ने कहा कि इस मामले की जांच जारी है, और गोदाम को सील कर दिया गया है। उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि अग्रिम कार्रवाई की जा सके।