नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मानव तस्करी मामले में 6 राज्यों के 22 स्थानों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई के दौरान विदेशी तत्वों के शामिल होने का संदेह है, और मामले में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन जुड़े होने की जानकारी मिल रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला 2024 में दर्ज किया गया था और इसमें कई देशों से जुड़े तार सामने आए हैं।
एनआईए की कार्रवाई एक साइबर धोखाधड़ी से जुड़ी है, जिसमें बिहार के गोपालगंज के युवाओं को विदेश में नौकरी देने का लालच दिया गया। जब वे विदेश पहुंचे, तो उन्हें फर्जी कॉल सेंटर में बंधक बना लिया गया और उनसे साइबर अपराध कराए गए। इस रैकेट के म्यांमार और लाओस से जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।
इससे पहले, 5 अक्टूबर को एनआईए ने पांच राज्यों के 22 ठिकानों पर आतंकवाद और आतंकियों को फंडिंग से संबंधित मामलों में छापेमारी की थी। यह छापेमारी महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली में की गई थी, और इसका संबंध जैश-ए-मोहम्मद संगठन से था।
इसके अतिरिक्त, जम्मू-कश्मीर के बारामूला और अन्य क्षेत्रों में भी एनआईए ने तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें मौलवी इकबाल भट के घर पर भी छापेमारी की गई थी। 1 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भी एनआईए ने एक साथ 11 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिनमें दक्षिण 24 परगना, आसनसोल, हावड़ा, नदिया और कोलकाता शामिल थे।