गरियाबंद: सरकारी वाहन की टक्कर से पहली कक्षा का छात्र गंभीर घायल, ड्राइवर के नशे में होने का खुलासा
गरियाबंद जिले के देवभोग में एक दर्दनाक और चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। यहां एसडीएम के सरकारी वाहन ने एक पहली कक्षा के छात्र को टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा उस समय हुआ जब बच्चा अपने निजी स्कूल से छुट्टी लेकर घर लौट रहा था।
यह घटना बस स्टैंड के पास घटी, जहां वाहन तेज रफ्तार से चल रहा था। टक्कर इतनी जोरदार थी कि छात्र तुरंत सड़क पर गिर गया और गंभीर चोटों के कारण बेहोश हो गया। मौके पर मौजूद राहगीरों ने तुरंत बच्चे को उठाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद, देवभोग के एसडीएम तुलसी दास मरकाम खुद मौके पर पहुंचे और घायल बच्चे को अस्पताल भेजने में मदद की।
घटना का विवरण: तेज रफ्तार और लापरवाही का नतीजा
स्थानीय सूत्रों और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, देवभोग के एसडीएम तुलसी दास मरकाम ड्यूटी पर थे, जब उनका सरकारी वाहन बस स्टैंड के पास तेज गति से गुजर रहा था। उसी समय, 6 वर्षीय छात्र स्कूल से लौटते हुए सड़क पार कर रहा था। चालक ने नियंत्रण खो दिया और सीधे बच्चे को टक्कर मार दी।
घायल छात्र को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए देवभोग के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे गंभीर स्थिति में बताया। बच्चे की हालत को देखते हुए उसे आगे के इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
नशे में था ड्राइवर, पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना के बाद पुलिस ने एसडीएम के वाहन चालक को हिरासत में लिया और उसका मेडिकल परीक्षण कराया। पुलिस थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि जांच में चालक के नशे में होने की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों ने प्राथमिक परीक्षण में एल्कोहल की उपस्थिति पाई, जबकि ब्लड और यूरीन सैंपल की विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।
पुलिस ने चालक के खिलाफ लापरवाही से वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है।
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश, स्थानीय लोगों में आक्रोश
घटना के बाद एसडीएम तुलसी दास मरकाम तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और घायल छात्र के इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया और मामले की गहराई से जांच कराने की बात कही।
हालांकि, इस हादसे के बाद स्थानीय निवासियों में आक्रोश व्याप्त है। लोगों का कहना है कि सरकारी वाहन चलाने वालों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए, लेकिन इस मामले में चालक की लापरवाही और नशे की स्थिति ने यह गंभीर हादसा कर दिया।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने सरकारी वाहनों के संचालन और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब सरकारी वाहन चलाने वाले चालकों पर जिम्मेदारी होती है, तो नशे में वाहन चलाने जैसी घटनाएं कैसे हो सकती हैं?
इस हादसे के बाद शहरभर में सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।
बच्चे की स्थिति और आगे की कार्रवाई
घायल छात्र की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों की टीम लगातार उसकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस बीच, पुलिस ने आरोपी चालक को हिरासत में लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में दोषी को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। पुलिस ने कहा है कि विस्तृत जांच जारी है, और इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या चालक की लापरवाही के पीछे किसी अन्य कारक की भूमिका थी।
निष्कर्ष: प्रशासन की जिम्मेदारी और जनता की मांग
यह हादसा न केवल एक गंभीर दुर्घटना है, बल्कि यह प्रशासन और जनता के लिए एक बड़ी चेतावनी भी है। सरकारी वाहनों और उनके चालकों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है, लेकिन इस घटना ने लापरवाही और लचर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि सरकारी चालकों की नियमित मेडिकल जांच और सख्त निगरानी की जाए। साथ ही, सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएं।
फिलहाल, घायल छात्र के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना के साथ, यह मामला प्रशासन के लिए एक सबक है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।