रायपुर: छत्तीसगढ़ में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग के दो अधिकारियों को शुक्रवार को सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी एक दवा कारोबारी से 60 हजार रुपये की रिश्वत लेने के मामले में की गई है। इस मामले ने राज्य में भ्रष्टाचार के एक बड़े मुद्दे को उजागर किया है, खासकर जब सीजीएसटी के अधिकारियों द्वारा रिश्वत की मांग की बात सामने आई है।
गिरफ्तार होने वाले अधिकारियों में रायपुर में पदस्थ सुपरिंटेंडेंट इलोंका मिंज और इंस्पेक्टर सौम्य रंजन मलिक शामिल हैं। दोनों अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने एक दवा कारोबारी, राहुल वर्मा, से जीएसटी के तहत पेनल्टी और गड़बड़ी को सेटल करने के नाम पर रिश्वत की मांग की। मिंज और मलिक ने वर्मा को डराया कि अगर वह पेनल्टी का भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 3 लाख रुपये की जुर्माना राशि का सामना करना पड़ेगा।
इस डर का फायदा उठाते हुए, इन अधिकारियों ने पहले वर्मा से 75 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। हालांकि, वर्मा ने इस मामले की जानकारी सीबीआई को दी और उनके इशारे पर एक जाल बिछाया गया। सीबीआई की टीम ने शुक्रवार को वर्मा से 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए दोनों अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई ने बताया कि यह मामला छत्तीसगढ़ में पहली बार सामने आया है जब सीजीएसटी के अधिकारी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए हैं। इससे पहले राज्य में इस प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई थी, और इस गिरफ्तारी ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश दिया है।
सीबीआई ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। यह घटना राज्य और देशभर में सरकारी अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को और मजबूत करती है, जबकि सीबीआई के द्वारा की गई इस कार्रवाई को व्यापक तौर पर सराहा जा रहा है।