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“बीजापुर और रायपुर में सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप, कार्रवाई के तहत 5 अधिकारियों समेत कार्यपालन अभियंता निलंबित”

छत्तीसगढ़ : बीजापुर में घटिया सड़क निर्माण और ठेकेदार को बचाने के आरोप में कार्यपालक अभियंता बी.एल. ध्रुव सहित तीन अन्य अधिकारियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है। यह वही सड़क है, जिसके निर्माण को लेकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या हुई थी। इस मामले में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को मुख्य आरोपी माना जा रहा है।

वहीं, रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में घटिया गुणवत्ता वाली सड़क निर्माण के मामले में PWD के पांच अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में रायपुर के ठेकेदार को भी नोटिस जारी किया गया है। यह कदम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और PWD मंत्री अरुण साव की नाराजगी के बाद उठाया गया, जिन्होंने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को देखते हुए कड़ी कार्रवाई की।

बीजापुर सड़क निर्माण में अनियमितताएँ:
बीजापुर में सड़क निर्माण के दौरान भ्रष्टाचार, अनियमितता और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में जांच के बाद यह कार्रवाई की गई। सरकार को जानकारी मिली कि आर.आर.पी.-1 (एल.डब्ल्यू.ई.) योजना के तहत 54.40 किमी लंबी सड़क नेलसनार-कोडोली-मिरतुल-गंगालुर के बीच बनाई जा रही थी। जांच में कई खामियां सामने आईं, जिसके चलते कार्यपालक अभियंता बी.एल. ध्रुव, आर.के. सिन्हा और जी.एस. कोड़ोपी समेत अन्य अधिकारियों पर FIR दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में घटिया निर्माण:
रायपुर के मोवा ओवरब्रिज में घटिया काम की पहले ही मंत्री अरुण साव के ध्यान में शिकायत की गई थी। जांच में यह पाया गया कि बिटुमिन कंटेंट और कंबाइंड डेंसिटी मटेरियल के मानक से कम थे। इस मामले में कार्यपालक अभियंता विवेक शुक्ला और चार अन्य अधिकारियों को सस्पेंड किया गया। इसके अलावा, ठेकेदार केशवदास आर. जादवानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। विभाग ने कहा है कि ओवरब्रिज में डामरीकरण के बाद ट्रैफिक शुरू होते ही गिट्टी गिरने लगी, जो ठेकेदार की लापरवाही को दर्शाती है। ठेकेदार को 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा, अन्यथा उसका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।

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