कर्नाटक: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने MUDA से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 300 करोड़ रुपये की 142 अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य व्यक्ति शामिल हैं। जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई संपत्तियां विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं, जो रियल एस्टेट व्यवसायी और एजेंट के रूप में काम कर रहे थे।
ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ आईपीसी 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत मैसूर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की।
ईडी ने कहा, “आरोप है कि सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर एमयूडीए द्वारा अधिग्रहित तीन एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों का मुआवजा प्राप्त किया। यह भूमि एमयूडीए द्वारा 3,24,700 रुपये में अधिग्रहित की गई थी, जबकि मुआवजा 56 करोड़ रुपये के 14 भूखंडों के रूप में दिया गया।”
ईडी ने यह भी कहा कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त डीबी नटेश की भूमिका मुख्य रूप से अवैध भूखंड आवंटन में सामने आई है। कई रियल एस्टेट कारोबारियों को भी अवैध रूप से भूखंड दिए गए, जिनसे भारी तादाद में नकदी प्राप्त की गई और इसे वैध दिखाने के प्रयास किए गए। जांच में यह भी सामने आया कि एमयूडीए के पूर्व आयुक्त जी टी दिनेश कुमार के रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति और अन्य खरीददारी के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से धन भेजा गया था।