राजनांदगांव पुलिस भर्ती में गड़बड़ियों के चलते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का ऐलान किया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें चार पुलिस आरक्षक शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों में परिधि निषाद, योगेश कुमार धुर्वे, पवन कुमार साहू, नुतेश्वरी धुर्वे, धर्मराज मरकाम और पुष्पा चंद्रवशी का नाम सामने आया है।
गड़बड़ी का खुलासा
लालबाग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच के दौरान यह सामने आया कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में अंकों में हेरफेर करने के लिए मशीन से छेड़छाड़ की गई थी। पूछताछ में अभ्यर्थी मीना पात्रे ने खुलासा किया कि उसने 14 दिसंबर को पुलिस स्टाफ को आर्थिक लाभ का ऑफर दिया था। पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
आरक्षक की आत्महत्या से फूटा मामला
इस घोटाले की परतें तब खुलीं जब 21 दिसंबर को पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर का शव ग्राम रामपुर में पेड़ से लटका हुआ मिला। मृतक के हाथ पर लिखा संदेश गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहा था, जिसमें अधिकारियों की संलिप्तता का भी आरोप लगाया गया था।
एसआईटी का गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह कदम पुलिस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।