छत्तीसगढ़ के MCB जिले में प्रिंसिपल, 2 शिक्षक और वनकर्मी द्वारा छात्रा से गैंगरेप
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB), छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ के जनकपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 11वीं कक्षा की एक छात्रा के साथ स्कूल के प्रिंसिपल, दो शिक्षक और एक वनकर्मी द्वारा सामूहिक बलात्कार (गैंगरेप) किया गया। यह मामला मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के जनकपुर थाना क्षेत्र का है, जहां चार आरोपी इस जघन्य अपराध में शामिल पाए गए हैं।
आरोपी: शिक्षा क्षेत्र के जिम्मेदार पदाधिकारी और वनकर्मी
घटना में शामिल आरोपी प्रिंसिपल अशोक कुमार कुशवाहा (55), लेक्चरर कुशल सिंह परिहार (50), और हेडमास्टर रवींद्र कुशवाहा (48) हैं, जो जनकपुर विकासखंड के एक सरकारी स्कूल में पदस्थ थे। इनके साथ ही बहरासी में पदस्थ डिप्टी रेंजर बनवारी भी इस अपराध में शामिल था। सभी आरोपी एक किराए के मकान में 11वीं कक्षा की छात्रा को लेकर गए थे, जहां उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया।
घटनाएं: 15 और 22 नवंबर को गैंगरेप
पीड़िता ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया कि 15 नवंबर को तीन आरोपियों ने गैंगरेप किया, और फिर 22 नवंबर को दो आरोपियों ने उसे फिर से शिकार बनाया। इस दौरान, आरोपियों ने पीड़िता का वीडियो भी बना लिया। जब छात्रा ने घटना के बारे में अपने परिजनों से बात करने की योजना बनाई, तो आरोपियों ने उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया, तो वह वीडियो वायरल कर देंगे। इसके अलावा, उन्होंने उसे जान से मारने की भी धमकी दी।
पुलिस कार्रवाई: आरोपियों की गिरफ्तारी
घटना के बाद, जब पीड़िता ने आरोपियों की धमकियों के बावजूद अपने परिजनों को सच बताया, तो परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपी शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल, पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तीनों शिक्षक जनकपुर के हाईस्कूल देवगढ़ में पदस्थ थे और जनकपुर में एक किराए के मकान में रहते थे। मामले की जांच जारी है, और पुलिस ने डिप्टी रेंजर बनवारी की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।
पीड़िता की स्थिति
पीड़िता, जो रोजाना 25 किलोमीटर दूर से बस के माध्यम से स्कूल आती-जाती थी, को इस घटना के बाद मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यधिक आघात पहुंचा है। आरोपियों के द्वारा उसे बार-बार धमकियां दी गईं और ब्लैकमेल किया गया। हालांकि, अंततः उसने हिम्मत जुटाई और अपने परिजनों को पूरी घटना के बारे में बताया, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
समाज और शिक्षा तंत्र पर सवाल
यह घटना यह साबित करती है कि हमारे समाज और शिक्षा तंत्र में ऐसे अपराधों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। बच्चों और छात्रों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा संस्थानों और प्रशासन को गंभीरता से विचार करना होगा, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
इसके अलावा, यह भी महत्वपूर्ण है कि समाज में बच्चों को अपनी अस्मिता और सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें यह सिखाया जाए कि वे किसी भी प्रकार के शोषण या हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं।
न्याय की मांग
जनकपुर क्षेत्र के लोग और समाज इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि समाज के जिम्मेदार लोग, जो बच्चों को शिक्षित और सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार होते हैं, वही लोग अगर अपराधी बन जाएं तो क्या होगा?
इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बच्चों और नाबालिगों के लिए सुरक्षा को लेकर शिक्षा संस्थानों में कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, ताकि वे सुरक्षित महसूस करें और किसी भी प्रकार के शोषण से बच सकें।