स्वर्ण मंदिर के बाहर सुखबीर बादल पर हमला, बड़ा हादसा टला
अमृतसर: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पर रविवार सुबह 9:30 बजे हमला हुआ। आरोपी, बब्बर खालसा से जुड़े पूर्व आतंकवादी नारायण सिंह चौड़ा, ने महज 15 मीटर की दूरी से गोली चलाने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई जब सुखबीर सिंह बादल अकाल तख्त से मिली धार्मिक सजा के तहत हरमंदिर साहिब के मुख्य प्रवेश द्वार पर पहरेदारी कर रहे थे।
पुलिस की सतर्कता से टला हादसा
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बड़ी घटना को टाल दिया। जब नारायण सिंह ने पिस्तौल निकालकर बादल की तरफ तानी, तो टास्क फोर्स के एक सतर्क कर्मी ने उसे देख लिया। उसने तुरंत आरोपी को रोकने की कोशिश की, जिससे पिस्तौल मिसफायर हो गई और गोली दीवार पर जा लगी। इसके तुरंत बाद, पुलिस ने नारायण सिंह को पकड़ लिया और उसकी पिस्तौल जब्त कर ली।
घटना के बाद दहशत का माहौल
हमले के बाद मुख्य प्रवेश द्वार के आसपास अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल को सुरक्षा घेरे में लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। आरोपी को काबू कर कोतवाली थाने ले जाया गया।
राजनीतिक बयानबाजी और इस्तीफे की मांग
शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने घटना के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि नारायण सिंह पहले से रेकी कर रहा था, फिर भी पुलिस ने उसे पहले गिरफ्तार नहीं किया।
पुलिस का दावा
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सुखबीर बादल की सुरक्षा के लिए हरमंदिर साहिब के आसपास 200 से अधिक सुरक्षा कर्मचारी तैनात थे। सतर्क पुलिसकर्मी की तत्परता से यह हमला विफल रहा।
हरसिमरत कौर और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
घटना के बाद सुखबीर बादल की पत्नी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेकने पहुंचीं। एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी और अकाली नेता बंटी रूमाना ने भी घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की।