रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। लंबे समय से चल रही जांच और महत्वपूर्ण सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई। इस घोटाले में शराब कारोबार में भारी वित्तीय अनियमितताओं और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार से जुड़े भ्रष्टाचार का यह मामला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है। आरोप है कि शराब व्यापारियों से नियमों का उल्लंघन कर कमीशन लिया गया और सरकारी राजस्व को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।
कवासी लखमा और हरीश लखमा पर आरोप:
- शराब व्यापारियों से कमीशन लेने और वित्तीय अनियमितता का आरोप।
- शराब बिक्री के लाइसेंस प्रक्रिया में धांधली।
- अवैध लेन-देन से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान।
ईडी की टीम इस मामले में कई महीनों से सक्रिय थी। जांच के दौरान डिजिटल साक्ष्य, बैंकिंग दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जुटाए गए।
- ईडी ने कवासी लखमा के निवास और उनके अन्य ठिकानों पर छापेमारी कर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किया।
- गिरफ्तारी के बाद लखमा और उनके बेटे को ईडी दफ्तर लाया गया, जहां उनसे पूछताछ जारी है।
इस गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है।
- विपक्ष का रुख: भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार पर की गई बड़ी कार्रवाई बताते हुए राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।
- कांग्रेस का पलटवार: कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार की राजनीतिक साजिश है, जो राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, घोटाले से जुड़े अन्य बड़े नेताओं और अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
शराब घोटाले में हुई इस कार्रवाई ने राज्य की राजनीति और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है।
- जनता इस घोटाले से जुड़ी सच्चाई सामने आने की उम्मीद कर रही है।
- ईडी की कार्रवाई ने शराब माफिया और भ्रष्ट तंत्र के गठजोड़ को उजागर करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
इस मामले में आगे की जांच जारी है और जल्द ही अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं।