Goodbye 2024: नई दिल्ली। साल 2024 खत्म होने को है, और जैसे हर साल अपनी खट्टी-मीठी यादें छोड़ जाता है, वैसे ही यह साल भी कई सुखद और दुखद अनुभवों के साथ विदा हो रहा है। इस वर्ष देश ने राजनीति और समाज के कई प्रभावशाली चेहरों को खो दिया, जिनकी कमी हमेशा खलेगी। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कई दिग्गज नेताओं का निधन 2024 में भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति रहा।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन:
26 दिसंबर 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से श्वसन संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह को उनकी अर्थशास्त्र विशेषज्ञता और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में देश ने आर्थिक प्रगति के कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए। उनका निधन भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है।
अन्य दिग्गज नेताओं का जाना:
2024 में सिर्फ मनमोहन सिंह ही नहीं, बल्कि राजनीति के कई अन्य बड़े नामों ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इन नेताओं के योगदान ने भारतीय राजनीति और समाज को गहराई से प्रभावित किया।
1. नटवर सिंह:
10 अगस्त को पूर्व विदेश मंत्री और राजनयिक नटवर सिंह का निधन हुआ। भारतीय विदेश सेवा से अपने करियर की शुरुआत करने वाले नटवर सिंह ने 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। 2004 से 2005 तक उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार में विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका जीवन राजनीति और कूटनीति के अनूठे संगम का प्रतीक था।
2. सीताराम येचुरी:
12 सितंबर को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हुआ। मार्क्सवादी विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और भारत में वामपंथी राजनीति को मजबूत करने में उनकी भूमिका अद्वितीय थी। वे 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से जुड़े और जीवनभर कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़े रहे।
3. प्रभात झा:
भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहे प्रभात झा का 26 जुलाई को निधन हो गया। पेशे से पत्रकार प्रभात झा ने राजनीति में कदम रखकर भाजपा में अहम पदों पर कार्य किया। उनके निधन ने मध्य प्रदेश की राजनीति में एक गहरा शून्य छोड़ दिया।
4. सुशील कुमार मोदी:
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का निधन 13 मई को हुआ। कैंसर से जूझ रहे मोदी ने राजनीति में अपनी सरलता और कड़ी मेहनत से एक अलग पहचान बनाई। उनका जीवन बिहार की राजनीति के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा।
5. अजीज कुरैशी:
1 मार्च 2024 को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक सुधारों में अहम योगदान दिया।
6. राजीव रंजन सिंह:
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और सह प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह का 25 जुलाई को निधन हो गया। बिहार की राजनीति में उनकी अहम भूमिका रही। उन्होंने पार्टी के संगठन को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाई।
7. मुख्तार अंसारी:
उत्तर प्रदेश की राजनीति के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का निधन 28 मार्च को कार्डियक अरेस्ट से हुआ। मऊ विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे अंसारी ने राजनीति में अपनी जगह बनाई, हालांकि उनका जीवन विवादों से घिरा रहा।
8. मनोहर जोशी:
23 फरवरी को शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का निधन हुआ। वे 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
9. वसंतराव चव्हाण:
26 अगस्त को कांग्रेस नेता और नांदेड़ के सांसद वसंतराव चव्हाण का निधन हो गया। गांव के सरपंच से सांसद तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा।
10. बाबा सिद्दीकी:
12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के लोकप्रिय नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे सिद्दीकी की मौत ने महाराष्ट्र की राजनीति को झकझोर दिया।
11. कैप्टन जयपाल सिंह जूदेव:
मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन जयपाल सिंह जूदेव का 2 नवंबर को निधन हुआ। पेशे से पायलट रहे जयपाल सिंह ने राजनीति में एक सशक्त उपस्थिति दर्ज की।
12. सूर्यकांता व्यास (जीजी):
राजस्थान की राजनीति में “जीजी” के नाम से मशहूर भाजपा नेता सूर्यकांता व्यास का 25 सितंबर को निधन हो गया। छह बार विधायक रहीं व्यास ने राजस्थान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण काम किए।
13. ओम प्रकाश चौटाला:
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला का 20 दिसंबर को 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। किसान राजनीति के लिए पहचाने जाने वाले चौटाला का हरियाणा की राजनीति में अहम योगदान रहा।
युग का अंत:
साल 2024 में इन दिग्गज नेताओं की विदाई ने भारतीय राजनीति के एक युग का अंत कर दिया। उनके योगदान, विचारधारा और समाज के प्रति उनकी सेवाएं हमेशा याद की जाएंगी। इस साल की ये दुखद घटनाएं हमें उनके जीवन और कामों से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।