Big Breaking: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग (MPRTO) के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने कोर्ट के बाहर गिरफ्तार कर लिया। सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर ने दावा किया कि सरेंडर की प्रक्रिया के दौरान लोकायुक्त की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सौरभ, जो कई दिनों से फरार था, गुपचुप तरीके से सरेंडर करने की कोशिश कर रहा था।
सरेंडर से पहले गिरफ्तारी
लोकायुक्त पुलिस की टीम ने कोर्ट के बाहर सौरभ शर्मा को गिरफ्तार करने के लिए पहले से ही योजना तैयार कर रखी थी। जैसे ही वह कोर्ट पहुंचा, उसे दबोच लिया गया। सौरभ के खिलाफ पहले से ही लुकआउट नोटिस जारी था, क्योंकि वह लंबे समय से फरार था।
सौरभ शर्मा के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई
18 और 19 दिसंबर को आयकर विभाग, ईडी और लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 2 क्विंटल से ज्यादा चांदी, 7 करोड़ से अधिक नकदी और सोने-चांदी के गहने बरामद हुए थे। जांच एजेंसियों को यह भी पता चला कि सौरभ के पास 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। इतना ही नहीं, उसकी एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद मिले थे।
दुबई से जुड़ा कनेक्शन
छापेमारी के बाद सौरभ शर्मा के दुबई भागने की खबरें आईं, जिसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया। जांच एजेंसियां लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई थीं।
सरेंडर की कोशिश और गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, सौरभ ने सरेंडर करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए हर 24 घंटे में मेडिकल चेकअप की मांग की थी। हालांकि, लोकायुक्त पुलिस ने उसे कोर्ट तक पहुंचने का मौका दिए बिना ही गिरफ्तार कर लिया।
जांच का दायरा बढ़ा
सौरभ शर्मा के करीबी लोगों, जैसे चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है। अब उनकी संपत्तियों की जांच भी की जा रही है।