महासमुंद: बागबाहरा में चीतल और तेंदुए की खाल की तस्करी का भंडाफोड़, वन विभाग ने 5 तस्करों को किया गिरफ्तार
महासमुंद जिले के बागबाहरा वन परिक्षेत्र में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चीतल की खाल और तेंदुए के खाल के टुकड़ों के साथ 5 तस्करों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में तीन चुरकी और दो मरार कसीबाहरा के निवासी हैं। ये तस्कर खाल बेचने की फिराक में थे, लेकिन वन विभाग की टीम ने समय रहते कार्रवाई कर उन्हें पकड़ लिया।
मुखबिर की सूचना पर बनाई गई योजना
उदंती वन्यजीव अभयारण्य के उपसंचालक को सूचना मिली थी कि कुछ लोग चीतल की खाल बेचने की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर वन विभाग ने एक टीम गठित की और खरीददार बनकर तस्करों से संपर्क किया। दस हजार रुपये में सौदा तय होने के बाद जैसे ही तस्कर खाल लेकर ओंकारबंद पहुंचे, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपियों की पहचान और पूछताछ
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मानसिंग (40), सुकालु (45), हरक (40), गिरधर ध्रुव (38), और पिलाराम बेलदार (50) के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि उन्होंने एक महीने पहले ओंकारबंद के जंगल में चीतल का शिकार किया था। शिकार के बाद मांस का सेवन कर बची हुई खाल को बेचने की योजना बनाई थी।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई
वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9, 39(3), 44(1), 48 और 51 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों को बागबाहरा न्यायालय में पेश किया गया है।
जब्त सामग्री
वन विभाग ने आरोपियों से चीतल की पूरी खाल और तेंदुए के सिर की खाल बरामद की है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से कुछ आरोपी आदतन शिकारी हैं, जो पहले भी वन्यजीवों का शिकार कर चुके हैं।
वन विभाग की इस कार्रवाई से वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता और कानून के सख्त अनुपालन का संदेश दिया गया है।