Raipur Breaking: महापौर मीनल चौबे के बेटे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह राजधानी रायपुर की सड़कों पर केक काटते और आतिशबाजी करते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो सामने आते ही विवाद खड़ा हो गया है।
कुछ दिन पहले ही युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पर इसी तरह सड़क पर केक काटने के मामले में कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद कई युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। अब विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सत्ताधारी दल पर निशाना साध रहा है।
SP-कलेक्टर ने दी कड़ी चेतावनी
रायपुर में सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह के आयोजनों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने एक संयुक्त अपील जारी करते हुए नागरिकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सड़क पर जन्मदिन या अन्य निजी कार्यक्रम आयोजित करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने साफ कहा कि सड़क पर केक काटने पर जेल की सजा भी हो सकती है।
मुख्य सचिव के निर्देशों की अनदेखी?
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने हाल ही में विधानसभा में निर्देश दिया था कि सड़कों पर जन्मदिन मनाने, पंडाल लगाने और भंडारा आयोजित करने जैसी गतिविधियों को हतोत्साहित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि यातायात बाधित करने वाले आयोजनों में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके बावजूद रायपुर महापौर के बेटे द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए सड़क पर जन्मदिन मनाना सरकार के निर्देशों को चुनौती देने जैसा माना जा रहा है।
कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग
इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि जब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई हो सकती है, तो फिर महापौर के बेटे पर क्यों नहीं? कांग्रेस नेताओं ने समान कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस से तत्काल मामला दर्ज करने की अपील की है।
महापौर ने जनता से मांगी माफी
विवाद बढ़ता देख महापौर मीनल चौबे ने इस घटना पर खेद व्यक्त करते हुए रायपुर की जनता से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे की हरकत से प्रशासन की सख्त नीतियों का उल्लंघन हुआ है और भविष्य में इस तरह की गलती नहीं दोहराई जाएगी।
अब क्या होगी कार्रवाई?
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या महापौर के बेटे पर भी वही सख्ती दिखाई जाएगी जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर बरती गई थी, या मामला दब जाएगा? फिलहाल, यह मुद्दा रायपुर की सियासत में गर्माया हुआ है और सोशल मीडिया पर बहस का विषय बना हुआ है।