सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली सरकार को फटकार: GRAP-4 लागू करने में देरी पर पूछा सवाल, कारण बताने का निर्देश
नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई और पूछा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण को लागू करने में तीन दिन की देरी क्यों की गई। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि इस देरी के पीछे क्या कारण थे और सरकार ने इस पर क्या कदम उठाए हैं।
कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह शामिल थे, ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा, “अब अगर दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से नीचे भी आता है, तो हम आपको GRAP-4 को वापस लेने की अनुमति नहीं देंगे। हम स्पष्ट रूप से यह आदेश देने का प्रस्ताव रखते हैं कि बिना अदालत की अनुमति के GRAP-4 को वापस नहीं लिया जा सकता।”
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है, और इसको लेकर कोर्ट में हुई सुनवाई ने इस संकट को और भी ज्यादा उजागर किया है। दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह से ही घना कोहरा और प्रदूषण की वजह से धुंध छाई हुई थी। ठंड भी बढ़ गई है, और कई स्थानों पर दृश्यता (विजिबिलिटी) शून्य के करीब दर्ज की जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया है, जहां 13 अलग-अलग निगरानी स्टेशनों का AQI 450 के पार चला गया है। इस समय दिल्ली में कुल 40 निगरानी स्टेशन हैं, जिनमें से 32 स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ (AQI 400 प्लस) श्रेणी में है।
GRAP क्या है?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) वायु गुणवत्ता संकट से निपटने के लिए एक निर्धारित योजना है, जिसे विभिन्न AQI स्तरों के आधार पर लागू किया जाता है। GRAP के चार चरण होते हैं, जिनमें से हर चरण प्रदूषण की गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग उपायों की सिफारिश करता है:
–GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
-GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
-GRAP-3: गंभीर (AQI 401 से 450)
-GRAP-4: बहुत गंभीर (AQI 450 से अधिक)
GRAP-4 का प्रभाव
GRAP-4 को लागू करने के दौरान सरकार द्वारा सबसे कठोर उपायों की सिफारिश की जाती है, जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, फैक्ट्रियों का शटडाउन, और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्त प्रतिबंध। यह कदम दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। पिछले साल, दिल्ली में GRAP के पहले तीन चरणों को अक्टूबर और नवंबर में लागू किया गया था, लेकिन GRAP-4 केवल कुछ ही दिनों के लिए लागू किया गया था। इस साल भी, GRAP-4 को सिर्फ 14 दिन लागू रखा गया था, और 19 नवंबर को जब AQI 319 तक पहुंच गया था, तो GRAP-4 की पाबंदियां हटा दी गईं और GRAP-3 को लागू किया गया।
इस बार, प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से सवाल उठाए हैं कि जब स्थिति इतनी गंभीर थी, तो GRAP-4 को लागू करने में क्यों देरी की गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक AQI 400 से ऊपर रहेगा, दिल्ली सरकार को GRAP-4 के तहत कड़े उपायों को जारी रखने होंगे और इसे वापस लेने के लिए अदालत की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए GRAP-4 को लागू करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करने के लिए सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। इस समय, प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि यह आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं और यातायात में भी दिक्कतें आ रही हैं।