Breaking News: दुर्ग जिले के भिलाई खुर्सीपार क्षेत्र में एक अमानवीय घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। कुछ निर्दयी व्यक्तियों ने एक बेजुबान कुत्ते को बेरहमी से यातनाएं देकर उसकी हत्या कर दी। स्थानीय लोगों के अनुसार, कुत्ते के हाथ-पैर बांधकर उसे बोरी में बंद कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया, जहां ट्रेन की चपेट में आने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना खुर्सीपार पुलिस थाना क्षेत्र में घटी, और जब तक लोग कुछ कर पाते, तब तक कुत्ते का शव दो टुकड़ों में बंट चुका था।
इस नृशंस घटना को लेकर पुलिस ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। मंगलवार, 25 मार्च को स्थानीय निवासियों के सहयोग से PFA (पीपल फॉर एनिमल्स) दुर्ग-भिलाई के सदस्य धनंजय, अपूर्व, कुशाल, मिलिंद और विनोद समेत कई अन्य लोगों ने पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने घटनास्थल से जुड़े कुछ संदिग्धों की पहचान की है। सूत्रों के अनुसार, “डेरा बस्ती” में कई नशेड़ी और अपराधी प्रवृत्ति के लोग रहते हैं, जिन पर इस कृत्य को अंजाम देने का शक जताया जा रहा है। हालांकि, पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है, लेकिन संभावित आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की संभावना है।
भारत में पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने के लिए सख्त कानून मौजूद हैं, जिनमें पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 325 शामिल हैं। हालांकि, पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के मामलों में पुलिस की सुस्त कार्रवाई चिंता का विषय बनी हुई है। इस घटना को लेकर स्थानीय एनजीओ और पशु अधिकार कार्यकर्ता FIR दर्ज कराने की प्रक्रिया में जुटे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने कठोर कदम नहीं उठाए, तो इस तरह की घटनाएं बढ़ती जाएंगी और समाज में हिंसा एवं अमानवीयता को बढ़ावा मिलेगा।
PFA की मांगें:
- दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
- पशु क्रूरता रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं और सख्त कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
- पुलिस और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लें और त्वरित कार्रवाई करें।
- समाज में जागरूकता फैलाई जाए और बेजुबान जानवरों के प्रति दया एवं करुणा की भावना को बढ़ावा दिया जाए।
PFA का कहना है, “इस घटना की जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। हमें मिलकर दोषियों को सजा दिलाने और पशु अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। यदि इस क्रूरता को अनदेखा किया गया, तो समाज में असंवेदनशीलता और हिंसा का खतरा बढ़ता रहेगा।”