सारंगढ़-बिलाईगढ़ दुष्कर्म मामले में महिला ने खोला बड़ा राज, कहा- ‘पति की नौकरी बचाने के लिए लगाए थे झूठे आरोप’
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के चर्चित दुष्कर्म मामले में एक नया मोड़ आया है। महिला ने सामने आकर अपने पूर्व में लगाए गए आरोपों को झूठा करार दिया है और कहा कि ये आरोप उसने अपने पति की नौकरी बचाने के लिए लगाए थे। महिला ने अब एक शपथ पत्र प्रस्तुत कर सभी आरोप वापस ले लिए हैं।
क्या था मामला?
पहले महिला ने भाजपा जिला अध्यक्ष सुभाष जालान, बिलाईगढ़ जनपद पंचायत के सीईओ प्रतीक प्रधान, समिति प्रबंधक मोतीलाल प्रधान और माखन सिंह कंवर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला ने पुलिस अधीक्षक से इन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की थी। लेकिन अब महिला ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उसने यह आरोप सिर्फ अपने पति की नौकरी बचाने के लिए बदले की भावना से लगाए थे।
पति की नौकरी को लेकर उठे थे सवाल
महिला के पति सरसींवा में सहकारी समिति के कंप्यूटर ऑपरेटर थे। उनके काम में गड़बड़ियों के कारण उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी, जो महिला के लिए मानसिक तनाव का कारण बनी। इसी दबाव में आकर महिला ने प्रतिष्ठित लोगों पर झूठे आरोप लगाए, हालांकि अब वह खुद इस पर खेद व्यक्त कर रही हैं।
सरसींवा में झूठे आरोपों का सिलसिला बढ़ा
यह मामला सरसींवा क्षेत्र में झूठे आरोपों का एक और उदाहरण बन गया है। इससे पहले भी जनपद पंचायत बिलाईगढ़ में दो तकनीकी सहायकों पर इसी तरह के आरोप लगाए गए थे, जिन्हें बाद में महिला ने कोर्ट में झूठा करार दिया। इस बढ़ते सिलसिले ने क्षेत्र में चिंता पैदा कर दी है।
क्या था आरोप लगाने का असली मकसद?
क्षेत्र में यह चर्चा है कि भाजपा के लोकप्रिय जिला अध्यक्ष सुभाष जालान को बदनाम करने और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए यह आरोप लगाए गए थे। भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह एक साजिश थी, लेकिन सत्य की जीत हुई है। भाजयुमो के जिला महामंत्री रज सिंह ने इस मामले में साजिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस से सख्त कार्रवाई की उम्मीद
यह घटनाक्रम क्षेत्र में गंभीर सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर इस तरह के झूठे आरोप लगाने के पीछे कौन था और इसका उद्देश्य क्या था। पुलिस को इन आरोपों की गहन जांच करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार के मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके और निर्दोष लोगों को न्याय मिल सके।