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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्लेइंग XI में होगा बदलाव, रवींद्र जडेजा बाहर! 21 साल का युवा खिलाड़ी कर सकता है डेब्यू ….!

भारत और ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट मैच में हो सकते हैं बड़े बदलाव, जडेजा बाहर, नितीश रेड्डी को मिल सकता है डेब्यू का मौका

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले अगले मैच में भारतीय टीम में प्लेइंग XI में कुछ बदलाव हो सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुभवी ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को इस मुकाबले में बाहर किया जा सकता है। उनकी जगह पर एक 21 साल के युवा खिलाड़ी को मौका मिल सकता है, जो अपना डेब्यू कर सकता है। यह बदलाव भारतीय टीम की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, ताकि युवा खिलाड़ियों को टीम में मौका दिया जा सके।

नई दिल्ली:- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की पांच मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला जाना है। यह मुकाबला दोनों टीमों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर भारत के लिए, क्योंकि यह सीरीज उनका विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में अपनी स्थिति को मजबूती देने का अवसर है। हालांकि, इस टेस्ट से पहले भारतीय टीम में कई बदलावों की चर्चा हो रही है, खासकर रोहित शर्मा और शुभमन गिल के इस मैच में खेलने की संभावना नहीं होने के कारण। ऐसे में सभी की नजरें अब इस बात पर हैं कि प्लेइंग इलेवन में कौन से खिलाड़ी मौका पाएंगे।

रवींद्र जडेजा को बाहर रखने की संभावना

रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पिछली टेस्ट सीरीज के प्लेइंग इलेवन में कुछ बदलाव हो सकते हैं। विशेष रूप से रवींद्र जडेजा, जो ऑलराउंडर के तौर पर लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं, इस टेस्ट मैच से बाहर हो सकते हैं। जडेजा ने पर्थ में नेट्स पर ज्यादा गेंदबाजी नहीं की है, हालांकि उन्होंने बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान दिया है। इससे यह संकेत मिलता है कि उन्हें मुख्य स्पिनर के तौर पर नहीं खिलाया जा सकता।

रविचंद्रन अश्विन को मिल सकता है मौका

भारतीय टीम के स्पिन विभाग में अहम बदलाव संभव है, और ऐसे में रविचंद्रन अश्विन को पर्थ टेस्ट में एकमात्र स्पिनर के रूप में खेलने का मौका मिल सकता है। अश्विन के पास विदेशी पिचों पर अनुभव और सफलता का अच्छा रिकॉर्ड है, और उनका जडेजा की जगह खेलना भारतीय टीम के लिए एक प्रभावी विकल्प हो सकता है। खासकर ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के प्रमुख बल्लेबाजों – उस्मान ख्वाजा, ट्रैविस हेड और एलेक्स केरी को ध्यान में रखते हुए अश्विन की कड़ी स्पिन गेंदबाजी टीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।

नितीश कुमार रेड्डी को मिल सकता है डेब्यू का अवसर

इसके अलावा, 21 साल के युवा खिलाड़ी नितीश कुमार रेड्डी को पर्थ टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है। ESPN क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय टीम नितीश को पहले टेस्ट में खेलने का मौका दे सकती है, जिससे टीम को निचले क्रम में एक मजबूत बल्लेबाज मिलेगा। नितीश को नंबर 7 या 8 पर बल्लेबाजी करते हुए देखा जा सकता है, और इसके साथ ही वह अपनी तेज गेंदबाजी से भी योगदान दे सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह दिन के खेल में लगभग 6-10 ओवर गेंदबाजी करने में सक्षम हो सकते हैं, जिससे तीन तेज गेंदबाजों का बोझ कम किया जा सके।

नितीश ने हाल ही में गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल के साथ नेट्स पर काफी समय बिताया है, और उनके काम के प्रति प्रतिबद्धता भारतीय टीम प्रबंधन के लिए उत्साहजनक है। उनका चयन भारतीय टीम के लिए एक युवा और ऊर्जा से भरपूर विकल्प हो सकता है, जो न केवल गेंदबाजी में योगदान दे सकता है, बल्कि निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन भी बना सकता है।

प्लेसमेंट के लिए रणनीति

विदेशी पिचों पर तेज गेंदबाजों को अधिक मदद मिलती है, और इस कारण से भारतीय टीम में एक अतिरिक्त स्पिनर की बजाय अधिक तेज गेंदबाजों को मौका दिया जा सकता है। ऐसे में भारतीय टीम को पर्थ टेस्ट के लिए अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा। अगर भारत एक तेज गेंदबाज के साथ मैदान में उतरता है, तो यह उसके आक्रमण को और भी अधिक प्रभावी बना सकता है, खासकर पर्थ जैसी तेज पिच पर।

भारतीय टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे और कोच रवि शास्त्री के लिए यह एक कठिन निर्णय हो सकता है, क्योंकि टीम में बदलाव लाने से पहले हर एक खिलाड़ी के फिटनेस और प्रदर्शन का मूल्यांकन करना जरूरी है। जडेजा और अश्विन के बीच चुनाव, साथ ही साथ युवा नितीश को मौका देने का फैसला भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में होने वाला यह पहला टेस्ट मैच सिर्फ क्रिकेट के लिहाज से ही नहीं, बल्कि टीम के भविष्य के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। जडेजा का बाहर होना और नितीश रेड्डी का डेब्यू भारतीय क्रिकेट टीम की रणनीतिक सोच को दर्शाता है, जो भविष्य में नए खिलाड़ियों को मौका देने के लिए तैयार है। इस मैच में प्लेइंग इलेवन के चयन के फैसले से न केवल इस सीरीज की दिशा तय होगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के युवा खिलाड़ियों के लिए नए रास्ते भी खुल सकते हैं।

 

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