दुर्ग। छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी की समस्या थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला दुर्ग से जुड़ा है, जहां दो नाबालिग लड़कियां नौकरी की तलाश में बिहार के रोहतास पहुंच गईं और वहां काम करने को मजबूर हो गईं। आर्थिक तंगी के कारण परिवार की जिम्मेदारी उठाने की कोशिश में वे तस्करों के चंगुल में फंस गईं।
40 से ज्यादा लड़कियों का हुआ रेस्क्यू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहतास पुलिस और बाल कल्याण समिति ने तीन दिन पहले एक अभियान चलाकर 40 से अधिक लड़कियों को मुक्त कराया, जिनमें दुर्ग और राजनांदगांव की लड़कियां भी शामिल थीं। छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम रेस्क्यू की गई लड़कियों को वापस लाने के लिए बिहार भेजी गई है।
दुर्ग पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही दुर्ग पुलिस सक्रिय हो गई। एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि बिहार में बरामद लड़कियों को वापस लाने के लिए दुर्ग पुलिस की एक टीम रोहतास भेजी गई है। वहां पहुंचकर पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी है।
मेडिकल परीक्षण और काउंसलिंग की व्यवस्था
बरामद सभी लड़के-लड़कियों का मेडिकल परीक्षण किया गया है। इसके बाद उनके बयान दर्ज कर उन्हें सुरक्षित छत्तीसगढ़ लाया जाएगा। दुर्ग से तीन अधिकारियों की टीम इस मिशन में जुटी है। प्रशासन ने प्रभावित लड़कियों की काउंसलिंग कराने की भी व्यवस्था की है, ताकि वे मानसिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।
परिवारों की आर्थिक तंगी बनी बड़ी वजह
लड़कियों के परिजनों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है। रोजगार की तलाश में ही उनकी बेटियां रोहतास पहुंची थीं, जहां उन्हें मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा। प्रशासन अब पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आवश्यक कदम उठाने की तैयारी कर रहा है।