भिलाई: लूट के आरोपी की तबियत बिगड़ने पर परिजनों और बस्तीवासियों का आक्रोश, पुलिस चौकी पर हंगामा और झूमाझटकी
दुर्ग जिले के डेरा बस्ती में बुधवार को तनावपूर्ण माहौल उत्पन्न हो गया, जब लूट के आरोपी पिंटू नेताम की जेल में तबियत अचानक खराब हो गई। इस घटना के बाद परिजनों और बस्ती के लोगों का गुस्सा भड़क उठा, और वे स्मृति नगर पुलिस चौकी पहुंचकर हंगामा करने लगे। पुलिस पर मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
लूट की वारदात और गिरफ्तारी की कहानी
पिंटू नेताम, उम्र 24 वर्ष, डेरा बस्ती फरीद नगर का निवासी है। उसे सितंबर में मोबाइल लूट की एक वारदात के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि 16 सितंबर को पिंटू और उसके दो साथियों ने एक व्यक्ति से मोबाइल लूट लिया था। 18 सितंबर को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर दुर्ग जेल भेज दिया।
जेल में बिगड़ी हालत और परिजनों का आक्रोश
बुधवार को अचानक खबर आई कि पिंटू की जेल में तबियत गंभीर रूप से बिगड़ गई है। यह सुनते ही उसके परिजन और बस्ती के लोग गुस्से में भर गए और सीधे स्मृति नगर पुलिस चौकी पहुंच गए। वहां उन्होंने पुलिस पर पिंटू के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया।
परिजनों का कहना था कि पिंटू की हालत पुलिस के बर्ताव की वजह से बिगड़ी है। गुस्से में उन्होंने चौकी पर जमकर हंगामा किया। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस और बस्तीवासियों के बीच झूमाझटकी होने लगी।
पुलिस का पक्ष और स्थिति को शांत करने के प्रयास
इस हंगामे के दौरान स्मृति नगर चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिंटू की तबियत पुलिसिया कार्रवाई के कारण नहीं बल्कि किसी अन्य कारण से बिगड़ी है। पुलिस ने यह भी साफ किया कि पथराव की खबरें झूठी हैं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्की झूमाझटकी जरूर हुई, लेकिन इसे ज्यादा गंभीर रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
सीएसपी भिलाई नगर, सत्य प्रकाश तिवारी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों और बस्तीवासियों को समझाने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि पिंटू की बिगड़ती तबियत को देखते हुए उसे तुरंत बेहतर इलाज के लिए मेकाहारा रायपुर रेफर कर दिया गया है। उन्होंने लोगों को यह आश्वासन भी दिया कि पिंटू की हालत में जल्द सुधार होगा और अगर किसी तरह की लापरवाही पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
इलाज के बाद स्थिति शांत
सीएसपी के आश्वासन और पिंटू को इलाज के लिए रायपुर भेजे जाने की खबर के बाद परिजनों का गुस्सा शांत हुआ। धीरे-धीरे बस्ती के लोग भी समझदारी दिखाते हुए अपने-अपने घर लौट गए। पुलिस ने स्थिति पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया और किसी भी प्रकार की हिंसा या गंभीर घटना नहीं हुई।
घटना का सामाजिक और प्रशासनिक पक्ष
इस पूरे मामले ने न केवल डेरा बस्ती में बल्कि पूरे भिलाई क्षेत्र में हलचल मचा दी। एक तरफ पिंटू के परिजनों और स्थानीय लोगों का आक्रोश जेल और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े करता है, वहीं दूसरी ओर यह घटना पुलिस और जनता के बीच संवाद की कमी को भी उजागर करती है।
हालांकि, पुलिस प्रशासन ने समय रहते मामले को संभाल लिया और पिंटू के इलाज की व्यवस्था कराई, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर जेल में कैदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आगे की राह
फिलहाल, पिंटू नेताम रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में इलाजरत है। उसकी हालत में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि परिजनों के आरोपों की जांच की जाएगी और अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
यह घटना पुलिस और जनता के बीच विश्वास बहाली के महत्व को भी रेखांकित करती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में संवेदनशीलता और पारदर्शिता बरतना आवश्यक है, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।